पहले तो सोचना ही थोड़ा असंभव है. मन एक भीतर का घेरा चला रहा है. हर पल कुछ नया, कुछ अनजान.. विचारों की एक बारिश हो रही है.
एक तो नींद कहाँ? अरे वो तो अब कहीं दूर चली गयी है. रात आती है तो थकान भी रह जाती है, लेकिन मन की हलचल बंद नहीं होती.
क्या करें भाई?
- आत्मा से बात करो।
- सोच को संभालो।
- सुख की तलाश में निकलो।
जानवरों की इच्छा, सपनों की कमी
दुनिया में असली खुशी सिर्फ धनी लोगों के लिए ही होती है यह सोचना कितना अहंकारी है। हम सब को जीवन मेंआनंद की तलाश रहती है। लेकिन जब हम सिर्फ़ धंधे के पीछे भागते हैं तो हमारे सपनों का परिणाम रुक जाता है। अगर हम अपने लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करें, तो हमारी जिंदगी में असली खुशी आ सकती है।
नींद चुराने वाले विचारों का जाल
जैसे ही शाम होती है, आकाश नींद में चली जाती है. परंतु कुछ लोगों के लिए यह क्षण उत्तेजना का होता है. उनके मन में झुंड आतंकित करने वाले विचारों का . ये विचार बिना किसी निमंत्रण के दस्तक देते हैं, और एक बार जब वे रूप ले लेते हैं, तो वे शांत स्वभाव से बाहर.
विचारों में खो जाना, हर समय अपने मन में शांति पाना. ये झुंड हमें आराम से वंचित करते हैं.
निरस्त , मन उद्वेलित
यह एक ऐसी स्थिति है जो बहुतों को पहचानती है। बढ़ी हुई दिनभर की भागमभाग से शरीर थका हुआ रहता है website और मन अशांत, चिंतित। सोचना मुश्किल हो जाता है और आराम भी दूर की कौड़ी लगती है। ऐसी स्थिति में क्या करें? हमारी रुचियाँ बदल गई हैं, हम ज़्यादा काम करते हैं, ज़्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और ज़्यादा तनावपूर्ण परिस्थितियों से गुजरते हैं। यह सब हमारे शरीर और मन को प्रभावित करता है।
हर दिन की भागमभाग, रात का संघर्ष
जीवन एक चक्कर है। दिन-ब-दिन हम सब निरंतर भागते हैं। काम, घर, परिवार, सब कुछ अपनी-अपनी जीत में हमें खींच रहा होता है।
सुबह से शाम तक हमारा जीवन एक जटिल मशीन की तरह गिरता रहता है। और जब शाम का समय आता है तो हमारे ऊपर भारीपन पड़ जाता है।
- कार्यों को पूरा करना
- खेल खेलना
- शांति पाना
रात को हम थके हुए शरीर और दिमाग से लड़ाई करते हैं। शांति पाना मुश्किल हो जाता है। यह एक परिस्थिति बन जाती है जो हमें थका हुआ और संकट में फँसा महसूस कराता है।
आँखें बंद करो, परन्तु मन बेचैन
कभी कभी मन चंचल हो तो नयन बंद करें, फिर भी मन शांत नहीं होता. समस्याओं का बोझ हमेशा साथ देता है, चाहे हमने अपनी सोच में डूब जाएं.